Thursday, January 9, 2020

विश्व हिन्दी दिवस - 10 जनवरी

विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष "10 जनवरी" को मनाया जाता है। विश्व हिन्दी दिवस का इतिहास की बात की जाए तो विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनो की शुरुआत की गई प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसी लिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था।

विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य -

  • विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना
  • हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना
  • हिन्दी के प्रति विश्व भर में लोगों के मन में अनुराग पैदा करना
  • हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना हिन्दी के लिए वातावरण निर्मित करना
  • हिन्दी की सुन्दरता से विश्व को अवगत कराना

विश्व हिन्दी सम्मेलन

विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से 1975 में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला आरम्भ की गयी। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रसिद्ध समाजसेवी एवं स्वतन्त्रता सेनानी विनोबा भावे ने अपना विशेष सन्देश भेजा।
प्रारम्भ में इसका आयोजन हर चौथे वर्ष आयोजित किया जाता था लेकिन अब यह अन्तराल घटाकर ३ वर्ष कर दिया गया है। अब तक ग्यारह विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं

विश्व हिन्दी सम्मेलन श्रृंखलाएँ -

क्रमतिथिनगरदेश
110-14 जनवरी 1975नागपुरFlag of India.svg भारत
228-30 अगस्त 1976 पोर्ट लुईFlag of Mauritius.svg मॉरिशस
328-30 अक्टूबर1983 नई दिल्लीFlag of India.svg भारत
42-4 दिसम्बर 1993 पोर्ट लुईFlag of Mauritius.svg मॉरिशस
54-8 अप्रैल 1996त्रिनिडाड-टोबेगोFlag of Trinidad and Tobago.svg त्रिनिदाद एवं टोबेगो
614-18 सितम्बर 1999लंदनFlag of the United Kingdom.svg यूनाइटेड किंगडम
75-9 जून 2003पारामरिबोFlag of Suriname.svg सूरीनाम
813-15 जुलाई 2007न्यूयार्कFlag of the United States.svg संयुक्त राज्य
922-24 सितम्बर 2012जोहांसबर्गFlag of South Africa.svg दक्षिण अफ़्रीका
1010-12 सितम्बर 2015भोपालFlag of India.svg भारत
1118-20 अगस्त 2018पोर्ट लुईFlag of Mauritius.svg मॉरिशस

विश्व हिन्दी सम्मेलनों में पारित प्रस्ताव -

प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन


  • संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए।
  • वर्धा में विश्व हिन्दी विद्यापीठ की स्थापना हो।
  • विश्व हिन्दी सम्मेलनों को स्‍थायित्‍व प्रदान करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।

द्वितीय विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • मॉरीशस में एक विश्व हिन्दी केंद्र की स्थापना की जाए जो सारे विश्व में हिन्दी की गतिविधियों का समन्वय कर सके।
  • एक अंतरराष्‍ट्रीय हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो भाषा के माध्यम से ऐसे समुचित वातावरण का निर्माण कर सके जिसमें मानव विश्‍व का नागरिक बना रहे और आध्यात्म की महान शक्ति एक नए समन्वित सामंजस्य का रूप धारण कर सके।
  • हिन्दी को संयुक्‍त राष्ट्र् संघ में एक आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए।

तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी के प्रचार-प्रसार की संभावनाओं का पता लगा कर इसके लिए गहन प्रयास किए जाएं।
  • हिन्दी के विश्वव्यापी स्वरूप को विकसित करने के‍ लिए विश्‍व हिन्दी विद्यापीठ स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए।
  • विगत दो सम्मेलनों में पारित संकल्पों की संपुष्टि करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अंतरराष्‍ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी के विकास और उन्नयन के लिए अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक स्‍थायी समिति का गठन किया जाए। इस समिति में देश-विदेश के लगभग 25 व्‍यक्ति सदस्य हों।

चतुर्थ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस में स्थापित किया जाए।
  • भारत में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए।
  • विभिन्न विश्वविद्यालयों में हिन्दी पीठ खोले जाएं।
  • भारत सरकार विदेशों से प्रकाशित दैनिक समाचार-पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें प्रकाशित करने में सक्रिय सहयोग करे।
  • हिन्दी को विश्व मंच पर उचित स्थान दिलाने में शासन और जन-समुदाय विशेष प्रयत्न करे।
  • विश्व के समस्त हिन्दी प्रेमी अपने निजी एवं सार्वजनिक कार्यों में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करें और संकल्प लें कि वे कम से कम अपने हस्ताक्षरों, निमंत्रण पत्रों, निजी पत्रों और नामपट्टों में हिन्दी का प्रयोग करेंगे।
  • सम्मेलन के सभी प्रतिनिधि अपने-अपने देशों की सरकारों से संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए समर्थन प्राप्त करने का सार्थक प्रयास करेंगे।
  • चतुर्थ विश्व हिन्दी सम्मेलन (दिसम्बर-1993) के बाद विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना मॉरीशस में हुई

पांचवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • विश्व व्यापी भारतवंशी समाज हिन्दी को अपनी संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करेगा।
  • मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना के लिए भारत में एक अं‍तर-सरकारी समिति बनाई जाए।
  • सभी देशों, विशेषकर जिन देशों में अप्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में हैं, उनकी सरकारें अपने-अपने देशों में हिन्दी के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था करें। उन देशों की सरकारों से आग्रह किया जाए कि वे हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाने के लिए राजनीतिक योगदान और समर्थन दें।

छठा विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • विश्व भर में हिन्दी के अध्ययन-अध्यापन, शोध, प्रचार-प्रसार और हिन्दी सृजन में समन्वय के लिए महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय केंद्र सक्रिय भूमिका निभाए।
  • विदेशों में हिन्दी के शिक्षण, पाठ्यक्रमों के निर्धारण, पाठ्य-पुस्तिकों के निर्माण, अध्यापकों के प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय करे और सुदूर शिक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
  • मॉरीशस सरकार अन्य हिन्दी-प्रेमी सरकारों से परामर्श कर शीघ्र विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित करे।
  • हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र में मान्यता दी जाए।
  • हिन्दी को सूचना तकनीक के विकास, मानकीकरण, विज्ञान एवं तकनीकी लेखन, प्रसारण एवं संचार की अद्यतन तकनीक के विकास के लिए भारत सरकार एक केंद्रीय एजेंसी स्थापित करे।
  • नई पीढ़ी में हिन्दी को लोकप्रिय बनाने के लिए आवश्यक पहल की जाए।
  • भारत सरकार विदेश स्थि‍त अपने दूतावासों को निर्देश दे कि वे भारतवंशियों की सहायता से विद्यालयों में एक भाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण की व्यवस्था करवाएँ।

सातवाँ विश्व‍ हिन्दी सम्मेलन

  • संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनाया जाए।
  • विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पीठ की स्थापना हो।
  • भारतीय मूल के लोगों के बीच हिन्दी के प्रयोग के प्रभावी उपाय किए जाएं।
  • हिन्दी के प्रचार हेतु वेबसाइट की स्थापना और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो।
  • हिन्दी विद्वानों की विश्व-निर्देशिका का प्रकाशन किया जाए।
  • विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन हो।
  • कैरेबियन हिन्दी परिषद की स्थापना हो।
  • दक्षिण भारत के विश्व विद्यालयों में हिन्दी विभाग की स्थापना हो।
  • हिन्दी पाठ्यक्रम में विदेशी हिन्दी लेखकों की रचनाओं को शामिल किया जाए।
  • सूरीनाम में हिन्दी शिक्षण की व्यवस्था की जाए।

आठवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • विदेशों में हिन्दी शिक्षण और देवनागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दूसरी भाषा के रूप में हिन्दी शिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम बनाया जाए तथा हिन्दी के शिक्षकों को मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था की जाए।
  • विश्व हिन्दी सचिवालय के कामकाज को सक्रिय करने एवं उद्देश्य परक बनाने के लिए सचिवालय को भारत तथा मॉरीशस सरकार सभी प्रकार की प्रशासनिक एवं आर्थिक सहायता प्रदान करें और दिल्ली सहित विश्व के चार-पाँच अन्य देशों में इस सचिवालय के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने पर विचार किया जाए। सम्मेलन सचिवालय यह आह्वान करता है कि हिन्दी भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए विश्व मंच पर हिन्दी वेबसाइट बनाई जाए।
  • हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विषयों पर सरल एवं उपयोगी हिन्दी पुस्तकों के सृजन को प्रोत्साहित किया जाए। हिन्दी में सूचना प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के प्रभावी उपाय किए जाएं। एक सर्वमान्य‍ व सर्वत्र उपलब्ध यूनिकोड को विकसित व सर्वसुलभ बनाया जाए।
  • विदेशों में जिन विश्वविद्यालयों तथा स्कूलों में हिन्दी का अध्ययन-अध्यापन होता है उनका एक डेटाबेस बनाया जाए और हिन्दी अध्यापकों की एक सूची भी तैयार की जाए।
  • यह सम्मेलन विश्व के सभी हिन्दी प्रेमियों और विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों तथा विदेशों में कार्यरत भारतीय राष्ट्रिकों से भी अनुरोध करता है कि वे विदेशों में हिन्दी भाषा, साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान करें।
  • वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय में विदेशी हिन्दी विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए।
  • केंद्रीय हिन्दी संस्थान भी विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार व पाठ्यक्रमों के निर्माण में अपना सक्रिय सहयोग दे।
  • विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पीठ की स्थापना पर विचार-विमर्श किया जाए।
  • हिन्दी को साहित्य‍ के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और वाणिज्य की भाषा बनाया जाए।
  • भारत द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर आयोजित की जाने वाली संगोष्ठियों व सम्मेलनों में हिन्दी को प्रोत्साहित किया जाए।

नौवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • हिन्दी के बढ़ते हुए वैश्‍वीकरण के मूल में गांधी जी की भाषा दृष्टि का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है।
  • मॉरीशस में विश्‍व हिन्दी सचिवालय की स्‍थापना की संकल्‍पना प्रथम विश्‍व हिन्दी सम्‍मेलन के दौरान की गई थी। यह सम्‍मेलन इस सचिवालय की स्‍थापना के लिए भारत और मॉरीशस की सरकारों द्वारा किए गए अथक प्रयासों एवं समर्थन की सराहना करता है।
  • महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिन्दी विश्‍वविद्यालय भी विश्‍व हिन्दी सम्‍मेलनों में पारित संकल्‍पों का ही परिणाम है। यह विश्‍वविद्यालय हिन्दी के प्रचार-प्रसार और उपयुक्‍त आधुनिक शिक्षण उपकरण विकसित करने में सराहनीय कार्य कर रहा है।
  • सम्‍मेलन केंद्रीय हिन्दी संस्‍थान की भी सराहना करता है कि वह उपयुक्‍त पाठ्यक्रम और कक्षाओं का संचालन करके विदेशियों और देश के गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र के लोगों के बीच हिंन्दी का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
  • 22 से 24 सितम्‍बर 2012 को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 9वें विश्‍व हिन्दी सम्‍मेलन ने, जिसमें विश्‍वभर के हिन्दी विद्वानों, साहित्‍यकारों और हिन्दी प्रेमियों आदि ने भाग लिया

दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 10  सितम्बर से 12 सितम्बर 2015 तक भोपाल में हुआ। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया। सम्मेलन का मुख्य विषय "हिन्दी जगत : विस्तार एवं संभावनाएं " था।

ग्यारहवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन

  • ११वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 18-20 अगस्त 2018 तक मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मॉरीशस सरकार के सहयोग से होगा। इस सम्मेलन की योजना का निर्णय सितंबर 2015 में भोपाल में आयोजित 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में लिया गया था।